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Iran president helicopter crash ईरानी प्रेसीडेंट इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश, प्रधानमंत्री मोदी एवं पुतिन हुए आगबबूला जाने कारण।

Iran president helicopter crash-

हाल ही में ईरान में हुई हेलीकॉप्टर दुघर्टना में जिसमे की वहां के प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी की मौत हो चुकी है, इस  खबर के बाद से पूरे ईरान में दुःख की लहर दौड़ गयी है।

कितने ही दुख की बात है कि एक ही दिन में ईरान के प्रेसिडेंट एवं इनके विदेश मंत्री दोनो की मृत्यु हो जाती है, राजनैतिक नजरिये से ईरान को एक भारी नुकसान हुआ है। ईरान के लोग रात भर बाहर सड़को में बैठकर अपने प्रेसिडेंट के लिए प्राथनाएं कर रहे थे , हालांकि उनकी मौत की पुष्टि होने के बाद ईरान में मातम का माहौल है।

आपको बताते चले कि ईरान के अपने पड़ोसी देशो और आसपास के बाकी देशों जैसे भारत,पाकिस्तान, रूस,टर्की आदि जैसे देशो के साथ काफी अच्छे रिश्ते है जैसे ही यह खबर बाहर आई कि ईरान के प्रेसिडेंट का हेलीकॉप्टर कही मिल नही रहा था तो सभी देशों को राजनेताओ ने उनके न मिलने पर अपनी चिंता जताई एवं अपना सहयोग भी दिया। रशिया के प्रेजिडेंट पुतिन  ने उनको ढूंढ़ने के लिए अजर बेजान में  47 स्पेशलिस्ट तुरंत भेजे , भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने भी ट्वीट करते हुए चिंता जाहिर की तथा हर संभव मदद का वादा भी किया,

बताया जा रहा है की हेलीकाप्टर में प्रसिडेंट Ebrahim raisi , विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाह हियां समेत कुल 9 लोग सवार थे हेलीकाप्टर 19 मई की शाम करीबन 7 बजे अजर बेजान के पास लापता हो गया था , लेकिन अब इस हेलीकाप्टर का मलबा मिल गया है, इस दुर्घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , और रूस के प्रेजिडेंट व्लादमीर पुतिन काफी गुस्से में हैं सुनने में आया है की ईरान रूस और भारत क साथ मिलकर एक बड़ी डील करने वाले थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की इब्राहिम रईसी के नेतृत्व में भारत और ईरान के रिश्ते काफी मजबूत हुए थे एवं वो इस दुःख की घडी में ईरान के साथ हैं

बताते चले की ईरान के साथ जो हुआ है वो रूस क लिए भी बड़ा झटका है, ईरान की मदद से ही रूस ने खाड़ी देशो में अपना दबदबा बनाया और अपने कट्टर दुश्मन अमेरिका को वहां से धकेल दिया , रूस इजराइल जंग में भी ईरान खुलकर रूस के साथ खड़ा हो गया , रूस और ईरान ने भारत के साथ मिलकर एक कॉरिडोर बनाने का काम शुरू किया था रूस और ईरान भारत क साथ मिलकर एक महत्वाकांक्षी अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे पर काम कर रहे थे इस गलियारे के तैयार होने के बाद रूस के सेंट पीटरबर्ग से भारत क मुंबई तक माल सिर्फ 10 दिनों में पहुंचाया जा सकता है इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू भी हो गया था लकिन ईरान के राष्ट्रपति एवं विदेश मंत्री की मौर भारत के लिए बहोत बड़ा झटका है । कई देशो को इस भारत, ईरान और रूस कॉरिडोर परियोजना से दिक्कत थी जैसे खासतौर पर अमेरिका , अजर बैज़ान, चीन और पाकिस्तान  ।

हलाकि अभी तक इस बात की कोई पुष्टि  नहीं हुई है की अगले  ईरानी राष्ट्रपति कौन होंगे पर देखने वाली वाली बात यह है की क्या अगले ईरानी प्रेजिडेंट इस अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे के प्रोजेक्ट पैर सहयोग प्रदान करते हैं या नहीं ।

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